यूं तो पाकिस्तान में कट्टरपंथ की आग में लगातार सिमटते अल्पसंख्यकों के दुखों का अंतहीन सिलसिला दशकों से जारी है मगर होली पर पाकिस्तान के सिंध प्रांत में दो नाबालिग हिंदू लड़कियों के अपहरण, धर्म परिवर्तन व निकाह के मामले ने खासा तूल पकड़ लिया है। विदेशमंत्री सुषमा स्वराज द्वारा पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायुक्त से मामले की रिपोर्ट मांगने और पाकिस्तान के सूचना मंत्री चौधरी फवाद हुसैन की जवाबी टिप्पणी के बाद मामला थमता नजर नहीं आ रहा हैइसके बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने पंजाब व सिंध सरकारों से मामले की जांच के आदेश दिये हैं। दरअसल, सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में खुद को थप्पड़ मारता एक पिता अपनी दो नाबालिग बेटियों को मुक्त कराने की गुहार लगा रहा था। इस वीडियो के वायरल होने के बाद पाकिस्तान में मानवाधिकार कार्यकर्ता सक्रिय हुए। जहां पाक के बड़े अंग्रेजी अखबारों ने इसे अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन करके निकाह करना बताया वहीं उर्दू मीडिया ने इसे किशोरियों द्वारा मर्जी से इस्लाम धर्म ग्रहण करना बताया। बाकायदा ट्विटर पर जबरन धर्म परिवर्तन के विरुद्ध मुहिम चलायी जा रही है। मीडिया का प्रगतिशील तबका इसके विरुद्ध आवाज उठा रहा है।डान समाचारपत्र में छपे एक मानवाधिकार कार्यकर्ता के बयान के अनुसार सिंध प्रांत में हर माह 25 धर्म परिवर्तन के मामले प्रकाश में आते हैं। ये दलित हिंद अपनी आवाज नहीं उठा पाते और पलिस भी उनकी नहीं सुनती, अत- मामले प्रकाश में नहीं आ पाते। पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंद लंबे समय से जबरन धर्म परिवर्तन के विरुद्ध कानून बनाने की मांग करते रहे हैंसिंध विधानसभा में इस आशय का विधेयक पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की सरकार ने पारित किया था लेकिन बाद में कट्टरपंथियों के विरोध के चलते विधेयक कानून नहीं बन पाया। पाकिस्तान के सोशल मीडिया पर अल्पसंख्यक सवाल उठा रहे हैं कि आखिर क्यों नाबालिग हिंदू लड़कियां ही धर्म परिवर्तन करती हैं? उन्हें पति तुरंत क्यों मिल जाते हैं, भाई क्यों नहीं मिलते? उन्हें पिता क्यों नहीं मिलते? अच्छी बात यह है कि सोशल मीडिया पर मानवाधिकार कार्यकर्ता. पत्रकार व ब्लॉगर इस घटना का विरोध कर रहे हैं। उधर इसी विवाद के बीच पाकिस्तानी पत्रकार बिलाल फारुकी ने ट्वीट करके सूचना दी है कि एक और हिंद लड़की सोनिया भील का अपहरण सिंध से हो गया है। दो नाबालिग लड़कियों के अपहरण के बाद ये तो स्पष्ट है कि पाक सरकार और कानून अल्पसंख्यकों को सरक्षा देने में हमेशा की तरह नाकाम रहे हैं।
पाक में अल्पसंख्यकों का दमन
• Ajay Kumar